घनश्यामपुर में नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित मिथिला ग्रामीण हाट का उद्घाटन हुआ। इस हाट में किसानों और व्यापारियों की भीड़ उमड़ी है, जिससे स्थानीय किसान अपनी फसल बेचने में खुश हैं
दरभंगा, बिहार: 8 दिसंबर 2024 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिथिला हाट का उद्घाटन किया, जो अब मिथिला की लोक कला, संस्कृति और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने का एक नया केंद्र बन गया है। यह हाट मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम गांव में स्थित है और इसकी स्थापना बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा की गई है। इस हाट को दिल्ली हाट की तर्ज पर डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह एक आधुनिक और आकर्षक स्थल बन गया है, जहां लोग मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव कर सकेंगे।
मिथिला हाट का उद्देश्य: मिथिला हाट का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कला, हस्तशिल्प, और उत्पादों को बढ़ावा देना और उन्हें एक बड़े बाजार से जोड़ना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस हाट के निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यहां आने वाले लोग मिथिला की अद्भुत कला और संस्कृति से परिचित होंगे। यह हाट 26 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका निर्माण लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
मुख्य सुविधाएं और आकर्षण: मिथिला हाट में कई सुविधाएं हैं जो इसे एक विशेष आकर्षण बनाती हैं:
- 50 आधुनिक दुकानें: यहां स्थानीय हस्तशिल्प, मिथिला पेंटिंग, खादी और अन्य पारंपरिक उत्पाद बेचे जाएंगे।
- फूड कोर्ट और ओपन एयर थिएटर: मिथिला के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लेने के साथ-साथ, यहां आने वाले लोग कला प्रदर्शन का भी आनंद ले सकेंगे।
- मल्टी-पर्पस हॉल और डॉर्मिट्री: स्थानीय कलाकारों और पर्यटकों के लिए विशेष हॉल और रहने की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
- झरना और पार्किंग एरिया: हाट परिसर में प्राकृतिक सुंदरता का समावेश किया गया है, जिससे पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव मिलेगा।
क्या है खास? मिथिला हाट को एनएच 57 (पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर) के पास स्थित किया गया है, जिससे यह देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आसानी से सुलभ होगा। यहां पर मिथिला पेंटिंग, सिकी घास की वस्तुएं, खादी और अन्य हस्तशिल्प के अलावा स्थानीय व्यंजन जैसे मखाना, मछली, साग, बाजरा और अन्य पारंपरिक खाद्य पदार्थ भी उपलब्ध होंगे।
साथ ही, इस हाट के बगल में स्थित एक बड़ी पोखर का जीर्णोद्धार किया गया है, जहां पर्यटक बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। यह हाट न केवल मिथिला के लिए बल्कि पूरे बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन सकता है।
मिथिला हाट से जुड़े लाभ: मिथिला हाट से न केवल स्थानीय कलाकारों को फायदा होगा, बल्कि यह स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। इस हाट के माध्यम से मधुबनी पेंटिंग और अन्य मिथिला कलाओं को एक बड़ा मंच मिलेगा, जिससे ये कलाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान पा सकेंगी।
लोकार्पण के बाद मंत्री संजय कुमार झा का बयान: मंत्री संजय झा ने कहा, “मिथिला हाट मिथिला के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। यह एक सपना सच होने जैसा है, और हम उम्मीद करते हैं कि इससे बिहार के युवा लाभान्वित होंगे। इस हाट के निर्माण से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और यह मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर को एक नए मंच पर प्रस्तुत करेगा।”
मिथिला हाट मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम गांव में स्थित है।
मिथिला हाट में मिथिला पेंटिंग, हस्तशिल्प, खादी, और स्थानीय व्यंजन जैसे सत्तू, मटन, मछली, और अन्य पारंपरिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध होंगे।
8 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिथिला हाट का उद्घाटन किया।
मिथिला हाट में 50 आधुनिक दुकानों, फूड कोर्ट, ओपन एयर थिएटर, मल्टी-पर्पस हॉल, डॉर्मिट्री, और झरना जैसी सुविधाएं हैं।
हां, मिथिला हाट से स्थानीय कलाकारों को एक नया बाजार मिलेगा, जिससे उनकी कला को व्यापक पहचान मिलेगी!
हां, मिथिला हाट के पास स्थित बड़ी पोखर में पर्यटक बोटिंग का आनंद ले सकते हैं।
मिथिला हाट की खासियत यह है कि यह एनएच 57 के पास स्थित है, जिससे पर्यटक आसानी से यहां पहुंच सकते हैं और मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव कर सकते हैं।
निष्कर्ष: मिथिला हाट का निर्माण न केवल मिथिला की कला और संस्कृति के संरक्षण और प्रचार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह स्थानीय कलाकारों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा। यह हाट मिथिला को एक नया पहचान देने के साथ-साथ बिहार के पर्यटन क्षेत्र में भी योगदान करेगा।
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